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जिला कारागार में सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु शिविर का आयोजन

जिला कारागार पाकशाला के निरीक्षण दौरान पाया गया कि पाकशाला में बंदियों द्वारा सांयकाल का भोजन तैयार किया जा रहा था

मथुरा, 14 सितम्बर 2023 (यूटीएन)। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार आज दिनांक 13.09.2023 को जिला कारागार, मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के जेलर महाप्रकाश, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश, शिवानी यादव व अनूप कुमार, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ0 उपेंद्रपाल सोलंकी तथा बंदी पराविधिक स्वयसेवक आदि उपस्थित रहे। इसके अतिरिक रॉटरी क्लब के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। सर्वप्रथम सचिव महोदया द्वारा रॉटरी क्लब के सहयोग से महिला बंदियों हेतु महिला बैरक में सर्वाइकल कैंसर के जांच हेतु एक शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमे महिला बैरक में उपस्थित महिला बंदियों को सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु प्रेरित किया और बताया कि सर्वाइकल कैंसर के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं जिसकी वजह से सर्वाइकल कैंसर का उचित समय पर पता नहीं चल पता। अगर इसका सही समय पर इलाज ना किया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इसीलिए अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान देना चाहिए ताकि सही समय पर सर्वाइकल कैंसर का पता चल सकें।
उचित स्क्रीनिंग और टीकाकरण के कारण सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक रोके जाने वाले कैंसर में से भी एक है। नियमित जांच न केवल कैंसर की पूर्व वृद्धि का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अन्य बीमारियाँ का पता लगाने में मदद मिलती है जिन्हें महिलाएं अनदेखा कर देती है क्योकि उनके लक्षण सामान्य बीमारियों से मिलते हैं। शिविर के उपरांत सचिव महोदया द्वारा जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान पाया कि आज कुल 1750 बंदी निरूद्ध है।
जिला कारागार पाकशाला के निरीक्षण दौरान पाया गया कि पाकशाला में बंदियों द्वारा सांयकाल का भोजन तैयार किया जा रहा था, जिसमें रोटी, चना की दाल तथा काशीफल की सब्जी का होना पाया गया।  सचिव द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों को रिहा किए जाने हेतु ‘बैरक टू बैरक’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत जेल परिसर में बनी बैरको का निरीक्षण किया गया, जिसमें निरुद्ध बंदियों से उनके प्रकरण एवं जमानत की स्थिति के संदर्भ में व्यक्तिगत वार्ता की गई। इसके अलावा उन्हें निशुल्क अधिवक्ता के बारे में भी बताया गया। ऐसे बंदियों से विशेष तौर पर वार्ता की गई।
जिनकी जमानत तो हो गई है किंतु उनके पास जमानत ना होने के कारण जेल में निरुद्ध हैं। इसके अतिरिक्त निरीक्षण दौरान पाया गया कि वर्तमान में जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जेल में पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जाता है। ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए जेल प्रशासन द्वारा बैरकों में पर्याप्त संख्या में पंखे की व्यवस्था की गई है। निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई।
बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। सचिव द्वारा जेल लोक अदालत के संदर्भ में बताते हुए कहा कि छोटे मुकदमों को जेल लोक अदालत के माध्यम से जुर्म इकबाल करते हुए खत्म किया जा सकता है जिसका लाभ जेल में निरूद्ध बंदियों द्वारा उठाया भी जा रहा है एवं जेल लोक अदालत में पत्रावली लगवाए जाने हेतु बंदियों को प्रेरित किया गया।
मथुरा-रिपोटर, (पीयूष पुरोहित)।

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