नई दिल्ली, 03 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि आज लगभग 64% आबादी को कम से कम एक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि भारत सामाजिक सुरक्षा कवरेज में अग्रणी देशों में से एक है। वे सीआईआई इंडिया एज में ‘विकसित भारत के लिए श्रम सुधार’ सत्र में बोल रहे थे। डॉ. मंडाविया ने श्रमिक वर्ग के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि वे राष्ट्र निर्माता और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। हाल ही में लागू किए गए श्रम सुधारों के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने कहा कि यह श्रम कानूनों के विलय से कहीं आगे की बात है और इसका उद्देश्य प्रत्येक श्रमिक को वह सम्मान और गरिमा प्रदान करना है जिसके वे हकदार हैं।

“नए श्रम संहिताओं का उद्देश्य स्वास्थ्य और सुरक्षा परिणामों में सुधार करना है, विशेष रूप से खतरनाक क्षेत्रों में, यह सुनिश्चित करना है कि कम से कम एक वर्ष तक काम करने वाला कोई भी व्यक्ति ग्रेच्युटी का पात्र हो, और गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करना है। उन्होंने कहा कि ये सुधार एक मज़बूत, निष्पक्ष और अधिक समावेशी कार्यबल की नींव हैं। साथ ही, ये महिला कार्यबल के लिए अधिक विविध भूमिकाओं में फलने-फूलने हेतु एक अधिक सुरक्षित और सक्षम वातावरण भी तैयार कर रहे हैं। डॉ. मंडाविया ने कहा कि देश के आर्थिक विकास को गति देने में प्रत्येक श्रमिक, उद्यमी और उद्योग की विशिष्ट भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें सक्षम बनाने के लिए, सरकार का लक्ष्य उद्योग को अधिक लचीलापन और श्रमिक वर्ग को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। मंत्री ने कौशल मानचित्रण की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया और कहा कि प्रतिभा और कौशल को वैश्विक माँग के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कुशल भारतीय कार्यबल की अत्यधिक माँग है।
भारतीय प्रतिभा पूल को वैश्विक कार्यबल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने कौशल मानचित्रण और प्रतिभा की वैश्विक माँग को पूरा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एनसीएस और ई-श्रम पोर्टल के एआई-सक्षम एकीकरण के माध्यम से नौकरी चाहने वाले युवाओं के लिए ई2ई करियर लाउंज शुरू करने के लिए सीआईआई की सराहना की। उन्होंने आगे बताया कि एनसीएस अब ई-माइग्रेट पोर्टल के साथ एकीकृत हो गया है, जो 55 लाख नौकरी चाहने वालों के लिए रोजगार के अवसरों हेतु एकल-खिड़की प्रणाली प्रदान करता है। मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाएँ संघर्ष कर रही हैं, भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ये सुधार औद्योगिक विकास लाएँगे, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह बढ़ाएँगे, घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देंगे और आत्मनिर्भरता लाएँगे। उन्होंने कहा, “आर्थिक विकास से अधिक उपभोग का चक्र बनता है, जिससे माँग, विनिर्माण, उद्योग और कर योगदान में वृद्धि होती है।
इससे सरकार को सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे पर अधिक खर्च करने में मदद मिलती है।” सीआईआई के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा कि नए श्रम सुधारों के तहत व्यापार करने में आसानी और कानूनों के सरलीकरण से भारत दुनिया भर के व्यवसायों के लिए एक अधिक आकर्षक निवेश स्थल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि नए श्रम सुधारों के तहत विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की सुसंगत परिभाषाओं और एकीकृत ढाँचे से उद्योग को लाभ होगा, जो कई अतिव्यापी कानूनों का समाधान करेगा। मेमानी ने कहा कि नए कानून श्रमिकों की सुरक्षा और सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों की सुरक्षा के प्रावधानों को मज़बूत बनाने और वार्षिक स्वास्थ्य जाँच को अनिवार्य बनाने जैसे कई अन्य पहलुओं पर ज़ोर देते हैं। हाल के श्रम सुधारों की सराहना करते हुए, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि नए श्रम कानून व्यवसाय को सरल और सुगम बनाते हैं। बनर्जी ने कहा कि सीआईआई युवाओं को करियर परामर्श, सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सहायता प्रदान करने के लिए देश भर के विश्वविद्यालयों में 100 शिक्षा-से-रोज़गार लाउंज स्थापित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता भारतीय युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।


