नई दिल्ली, 07 सितम्बर 2023 (यूटीएन)। जी-20 के डिनर निमंत्रण पर राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखने पर घमासान जारी है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि भारत नाम को लेकर फिलहाल किसी संविधान संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है.
ऐसा इसलिए क्योंकि संविधान में इंडिया और भारत दोनों ही नाम का जिक्र है तो किसी भी शब्द का इस्तेमाल कभी भी कहीं भी किया जा सकता है. अटकलें लगाई जा रही थी कि 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में देश का नाम बदलने को लेकर चर्चा हो सकती है.
वहीं पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल औऱ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सहित विपश्री गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा दलों के नेताओं ने कहा कि ये हमारे गठबंधन के कारण ऐसा किया गया है. है.
‘इंडिया’ में कांग्रेस, टीएमसी, पूर्व सीएम शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, समाजवादी पार्टी, एमके स्टालिन की डीएमके, जेएमएम और लेफ्ट सहित 28 दल हैं. ये पार्टियां लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लड़ने को लेकर एकजुट हुए हैं.
*संविधान में क्या है?*
दरअसल संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा गया ‘इंडिया, दैट इज भारत’. इसके अलावा प्रस्तावना में ‘हम, भारत के लोग’ हिंदी में लिखा है तो अंग्रेजी में ‘We the Prople Of India’ है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थी कि देश का नाम सिर्फ भारत करने के लिए संशोधन करना पड़ेगा.
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही अपने मंत्रियों को इंडिया विवाद पर कुछ न बोलने की हिदायत दी है. बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार (9 सितंबर) और 10 सितंबर (रविवार) को हो रहा है. इसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |