Friday, December 12, 2025

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आत्मनिर्भर भारत आज एक सामूहिक राष्ट्रीय मिशन बन गया है, जिसमें प्रत्येक भारतीय योगदान दे रहा है: पीयूष गोयल

प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी राजनीति का आधार भी हो सकती है, और यह हाल ही में भारत द्वारा अन्य विकसित देशों के साथ किए गए या वर्तमान में किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों से स्पष्ट है।

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता के विजन को भारत की आर्थिक प्रगति के केंद्र में ला दिया है। उन्होंने आगे कहा, “आत्मनिर्भर भारत अब एक सामूहिक राष्ट्रीय मिशन बन गया है, जिसमें प्रत्येक भारतीय अपने-अपने तरीके से इस विजन और यात्रा में योगदान दे रहा है। फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया, यूएई, मॉरीशस, यूके और चार देशों के ईएफटीए समूह के साथ बहुत संतुलित, मजबूत, निष्पक्ष और न्यायसंगत समझौते कर चुका है। उन्होंने कहा, “इस समय हम दुनिया के लगभग 50 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 देशों के समूह के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारा ध्यान उन महत्वपूर्ण देशों पर है जहाँ हम एक-दूसरे के पूरक हैं। हम ओमान से बात कर रहे हैं, जबकि बहरीन और कतर जीसीसी देशों के साथ भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। हम दूसरे चरण के समझौते पर ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ न्यूजीलैंड से भी बात कर रहे हैं।
गोयल ने आगे कहा कि हम और अधिक संतुलन लाने के लिए आसियान और कोरिया एफटीए की समीक्षा कर रहे हैं। हम अमेरिका और 27 यूरोपीय देशों के साथ भी सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमने हाल ही में यूरेशिया के साथ बातचीत शुरू की है और इज़राइल के साथ भी जल्द ही बातचीत शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसके साथ पिछले हफ़्ते संदर्भ शर्तों को अंतिम रूप दिया गया था। कनाडा और भारत सीईपीए पर विचार कर रहे हैं और अगले हफ़्ते हम इस पर बातचीत शुरू करेंगे। मंत्री ने कहा कि भारत की विकास गाथा में आत्मनिर्भरता केंद्र में होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी राजनीति का आधार भी हो सकती है, और यह हाल ही में भारत द्वारा अन्य विकसित देशों के साथ किए गए या वर्तमान में किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों से स्पष्ट है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “आप (उद्योग) एक ‘पेस्टल’ का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें ‘पी’ का अर्थ मज़बूत निर्णायक नेतृत्व वाली राजनीतिक स्थिति, ‘ई’ का अर्थ आर्थिक नीतियाँ, ‘एस’ का अर्थ युवा आबादी वाले देश का सामाजिक ताना-बाना, ‘टी’ का अर्थ भारत की तकनीकी क्षमता है, जिसमें नई तकनीकों, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है; ‘ई’ का अर्थ पर्यावरण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता है। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने फिक्की के 100 साल पुराने लोगो का भी अनावरण किया और कहा कि पिछले 98 वर्षों से, फिक्की एक गौरवशाली परंपरा वाला संगठन है, जिसकी स्थापना महात्मा गांधी के आह्वान पर हुई थी। और ‘भारत: आत्मनिर्भर आर्थिक महाशक्ति’ की थीम, महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर आर्थिक महाशक्ति के दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है।
गोयल ने फिक्की से अन्य उद्योगों के साथ मिलकर भारत भर में कौशल केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया ताकि युवा प्रतिभाशाली आबादी को दुनिया के लिए एक कुशल कार्यबल के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा, “भारत का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर विनिर्माण, साहसिक नवाचार, सशक्त युवा और महिलाओं की पूर्ण भागीदारी—ये सब मिलकर भारत की आत्मनिर्भरता की मूल संरचना का निर्माण करते हैं।  उन्होंने आगे कहा, “जब ये स्तंभ मज़बूती से खड़े होते हैं, तो भारत सिर्फ़ विकास ही नहीं करता; बल्कि आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ता है। यह भारत का समय है। गति बढ़ाने का हमारा समय। बदलाव का हमारा समय। सच्चे भारत के निर्माण का हमारा समय।
फिक्की के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनंत गोयनका ने कहा कि फिक्की में हम सरकार के सुधार एजेंडे का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और नवाचार, कौशल विकास, व्यापार में आसानी और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के प्रभावी उपयोग को प्राथमिकता देने के लिए काम करने को तैयार हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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आत्मनिर्भर भारत आज एक सामूहिक राष्ट्रीय मिशन बन गया है, जिसमें प्रत्येक भारतीय योगदान दे रहा है: पीयूष गोयल

प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी राजनीति का आधार भी हो सकती है, और यह हाल ही में भारत द्वारा अन्य विकसित देशों के साथ किए गए या वर्तमान में किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों से स्पष्ट है।

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता के विजन को भारत की आर्थिक प्रगति के केंद्र में ला दिया है। उन्होंने आगे कहा, “आत्मनिर्भर भारत अब एक सामूहिक राष्ट्रीय मिशन बन गया है, जिसमें प्रत्येक भारतीय अपने-अपने तरीके से इस विजन और यात्रा में योगदान दे रहा है। फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया, यूएई, मॉरीशस, यूके और चार देशों के ईएफटीए समूह के साथ बहुत संतुलित, मजबूत, निष्पक्ष और न्यायसंगत समझौते कर चुका है। उन्होंने कहा, “इस समय हम दुनिया के लगभग 50 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 देशों के समूह के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारा ध्यान उन महत्वपूर्ण देशों पर है जहाँ हम एक-दूसरे के पूरक हैं। हम ओमान से बात कर रहे हैं, जबकि बहरीन और कतर जीसीसी देशों के साथ भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। हम दूसरे चरण के समझौते पर ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ न्यूजीलैंड से भी बात कर रहे हैं।
गोयल ने आगे कहा कि हम और अधिक संतुलन लाने के लिए आसियान और कोरिया एफटीए की समीक्षा कर रहे हैं। हम अमेरिका और 27 यूरोपीय देशों के साथ भी सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमने हाल ही में यूरेशिया के साथ बातचीत शुरू की है और इज़राइल के साथ भी जल्द ही बातचीत शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसके साथ पिछले हफ़्ते संदर्भ शर्तों को अंतिम रूप दिया गया था। कनाडा और भारत सीईपीए पर विचार कर रहे हैं और अगले हफ़्ते हम इस पर बातचीत शुरू करेंगे। मंत्री ने कहा कि भारत की विकास गाथा में आत्मनिर्भरता केंद्र में होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने साबित कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी राजनीति का आधार भी हो सकती है, और यह हाल ही में भारत द्वारा अन्य विकसित देशों के साथ किए गए या वर्तमान में किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों से स्पष्ट है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “आप (उद्योग) एक ‘पेस्टल’ का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें ‘पी’ का अर्थ मज़बूत निर्णायक नेतृत्व वाली राजनीतिक स्थिति, ‘ई’ का अर्थ आर्थिक नीतियाँ, ‘एस’ का अर्थ युवा आबादी वाले देश का सामाजिक ताना-बाना, ‘टी’ का अर्थ भारत की तकनीकी क्षमता है, जिसमें नई तकनीकों, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है; ‘ई’ का अर्थ पर्यावरण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता है। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने फिक्की के 100 साल पुराने लोगो का भी अनावरण किया और कहा कि पिछले 98 वर्षों से, फिक्की एक गौरवशाली परंपरा वाला संगठन है, जिसकी स्थापना महात्मा गांधी के आह्वान पर हुई थी। और ‘भारत: आत्मनिर्भर आर्थिक महाशक्ति’ की थीम, महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर आर्थिक महाशक्ति के दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है।
गोयल ने फिक्की से अन्य उद्योगों के साथ मिलकर भारत भर में कौशल केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया ताकि युवा प्रतिभाशाली आबादी को दुनिया के लिए एक कुशल कार्यबल के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा, “भारत का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर विनिर्माण, साहसिक नवाचार, सशक्त युवा और महिलाओं की पूर्ण भागीदारी—ये सब मिलकर भारत की आत्मनिर्भरता की मूल संरचना का निर्माण करते हैं।  उन्होंने आगे कहा, “जब ये स्तंभ मज़बूती से खड़े होते हैं, तो भारत सिर्फ़ विकास ही नहीं करता; बल्कि आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ता है। यह भारत का समय है। गति बढ़ाने का हमारा समय। बदलाव का हमारा समय। सच्चे भारत के निर्माण का हमारा समय।
फिक्की के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनंत गोयनका ने कहा कि फिक्की में हम सरकार के सुधार एजेंडे का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं और नवाचार, कौशल विकास, व्यापार में आसानी और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के प्रभावी उपयोग को प्राथमिकता देने के लिए काम करने को तैयार हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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