Wednesday, November 12, 2025

National

spot_img

संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक प्रमुख होता है: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति इस अवसर पर ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन लोकतंत्र का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं।

नई दिल्ली, 05 नवंबर 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति इस अवसर पर ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन लोकतंत्र का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। इसी प्रकार, उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद, यह भवन उत्तराखंड की प्रगति का अंग बन गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल, राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक प्रमुख होता है। संविधान निर्माताओं ने राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्धारण गहन विचार-विमर्श के बाद किया था। राज्य की जनता राजभवन को सम्‍मान की दृष्टि से देखती है। इसलिए राज्यपाल की टीम के सभी सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता जैसे आदर्शों को अपनाएं।
राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्‍यक्‍त की कि अपनी स्थापना के बाद से, उत्तराखंड राज्य निरंतर प्रगति और समृद्धि के कीर्तिमान स्‍थापित कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के निवासियों को अमूल्य प्रेरणा प्रदान करती रहेगी और उत्तराखंड निरंतर प्रगति करता रहेगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

International

spot_img

संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक प्रमुख होता है: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति इस अवसर पर ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन लोकतंत्र का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं।

नई दिल्ली, 05 नवंबर 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति इस अवसर पर ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन लोकतंत्र का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। इसी प्रकार, उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद, यह भवन उत्तराखंड की प्रगति का अंग बन गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल, राज्य की शासन व्यवस्था का संवैधानिक प्रमुख होता है। संविधान निर्माताओं ने राज्यपाल की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्धारण गहन विचार-विमर्श के बाद किया था। राज्य की जनता राजभवन को सम्‍मान की दृष्टि से देखती है। इसलिए राज्यपाल की टीम के सभी सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता जैसे आदर्शों को अपनाएं।
राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्‍यक्‍त की कि अपनी स्थापना के बाद से, उत्तराखंड राज्य निरंतर प्रगति और समृद्धि के कीर्तिमान स्‍थापित कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल और उनकी टीम राज्य के निवासियों को अमूल्य प्रेरणा प्रदान करती रहेगी और उत्तराखंड निरंतर प्रगति करता रहेगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES