Saturday, October 18, 2025

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चित्र प्रदर्शनी एवं पुस्तक लोकार्पण का भव्य आयोजन

श्री हरि कृष्णानन्द सरस्वती (कैलिफोर्निया, अमेरिका) ने कहा कि समाज में बढ रहे तनाव के माहोल को समाप्त करने में चित्रकला प्रदर्शनियों का आयोजन होना चाहिए।

मथुरा/ वृन्दावन,17 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। देश की जानी मानी कला साधिका चित्रलेखा की चित्रकला प्रदर्शनी व प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुभदा पांडे की “अभिव्यक्ति की रंजना“ नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। इस अवसर पर कैलिफोर्निया, अमेरिका से पधारे श्री हरि कृष्णा नन्द सरस्वती महाराज, लक्ष्मीग्रुप के चेयरमैन गजेंद्र शर्मा, टेकमैन सिटी के स्वामी नीरव निमेश अग्रवाल, मान मंदिर बरसाना के ब्रज दास जी ने माँ सरस्वती की छवि के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह आयोजन छटीकरा-राधा कुंड के मध्य स्थित ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय में गुरुवार को ‘साहित्य व कला आराधन’ कार्यक्रम के रूप में भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर ‘अभिव्यक्ति की रंजना’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया एवं चित्रकला प्रदर्शनी लगायी गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बरसाना मान मंदिर के संत ब्रज दास बाबा उर्फ सुनील सिंह ने कहा कि चित्रकला और लेखनकला दोनों ही समाज को दिशा देने में सक्षम हैं। इस अवसर पर ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय के संस्थापक डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रज की धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत का मूल आधार गऊ है, उसकी सेवा के साथ ही ब्रज की चित्रकला व ब्रज के साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी को मिल कर कार्य करना होगा, तभी ब्रज की प्राचीन संस्कृति बोली, भाषा रहन, सहन को बचाया जा सकेगा।
श्री हरि कृष्णानन्द सरस्वती (कैलिफोर्निया, अमेरिका) ने कहा कि समाज में बढ रहे तनाव के माहोल को समाप्त करने में चित्रकला प्रदर्शनियों का आयोजन होना चाहिए तथा इस प्रकार के समाज सुधारक लेखकों की पुस्तकें लिखी जाये जो समाज की छवि प्रस्तुत करती हों। उन्होंने संग्रहालय को आर्थिक सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि “यह संग्रहालय ब्रज की आत्मा का परिचायक है, इसे सशक्त बनाना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमैन गजेन्द्र शर्मा ने सेवा भाव को जीवन का मूल मंत्र बताते हुए कहा, यदि हमें अपनी संस्कृति सभ्यता को जीवित रखना है तो बेटियों को पढ़ाना उन्हें सुसंस्कारित बनाना होगा, क्यों कि उन्ही के कारण हमारा समाज और संस्कृति, सभ्यता जीवित रह सकती है। उन्होंने कहा कि “जब हम निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, तो उसका फल अवश्य मिलता है।” उन्होंने अपने जीवन से प्रेरक उदाहरण भी साझा किए। मुख्य अतिथि नीरव निमेश अग्रवाल (पूर्व मंडल अध्यक्ष, रोटरी क्लब) व टेकमैन सिटी के स्वामी ने कहा कि ब्रज में कला विश्वविद्यालय खोला जाना चाहिए जहां सभी प्रकार की ललित कलाओं को सीखने का सुअवसर युवाओं को मिल सकेगा।
देश की प्रसिद्ध चित्रकार चित्रलेखा द्वारा लगायी गयी चित्रकला प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि “ब्रज में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ललित कला विश्वविद्यालय स्थापित किया जाये, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच मिल सकेगा।” पुस्तक ‘अभिव्यक्ति की रंजना’ की लेखिका डॉ. सुभदा पांडे ने अपने साहित्यिक जीवन की यात्रा और लेखन के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, चित्रकला की प्रसिद्ध कलाकार उमा शर्मा, पूर्व डीआईओएस एस. पी. गोस्वामी एवं संत बिहारी शरण दास, सुरेन्द्र कौषिक, पत्रकार सुनील शर्मा, डॉ॰ राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल, प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कुंजलता मिश्रा, श्रीमती श्रित शर्मा, मोदी विकास मिशन की महिला प्रदेश अध्यक्ष मधु तोमर, महेन्द्र कुशवंशी, प्रांशु शर्मा, विक्रम दिवाकर, अमित शर्मा, रूपेन्द्र सिंह, रामवीर सिंह, डी. एन. गोस्वामी, सहित अनेक गणमान्य विद्वान, साहित्यकार एवं कलाकार उपस्थित थे। रंगोली कलाकार कमलेश्वर ने रंगोली के माध्यम से चित्रलेखा जी का चित्र भी उकेरा। कार्यक्रम का संचालन गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने किया।

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चित्र प्रदर्शनी एवं पुस्तक लोकार्पण का भव्य आयोजन

श्री हरि कृष्णानन्द सरस्वती (कैलिफोर्निया, अमेरिका) ने कहा कि समाज में बढ रहे तनाव के माहोल को समाप्त करने में चित्रकला प्रदर्शनियों का आयोजन होना चाहिए।

मथुरा/ वृन्दावन,17 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। देश की जानी मानी कला साधिका चित्रलेखा की चित्रकला प्रदर्शनी व प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सुभदा पांडे की “अभिव्यक्ति की रंजना“ नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। इस अवसर पर कैलिफोर्निया, अमेरिका से पधारे श्री हरि कृष्णा नन्द सरस्वती महाराज, लक्ष्मीग्रुप के चेयरमैन गजेंद्र शर्मा, टेकमैन सिटी के स्वामी नीरव निमेश अग्रवाल, मान मंदिर बरसाना के ब्रज दास जी ने माँ सरस्वती की छवि के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह आयोजन छटीकरा-राधा कुंड के मध्य स्थित ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय में गुरुवार को ‘साहित्य व कला आराधन’ कार्यक्रम के रूप में भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर ‘अभिव्यक्ति की रंजना’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया एवं चित्रकला प्रदर्शनी लगायी गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बरसाना मान मंदिर के संत ब्रज दास बाबा उर्फ सुनील सिंह ने कहा कि चित्रकला और लेखनकला दोनों ही समाज को दिशा देने में सक्षम हैं। इस अवसर पर ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय के संस्थापक डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रज की धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत का मूल आधार गऊ है, उसकी सेवा के साथ ही ब्रज की चित्रकला व ब्रज के साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी को मिल कर कार्य करना होगा, तभी ब्रज की प्राचीन संस्कृति बोली, भाषा रहन, सहन को बचाया जा सकेगा।
श्री हरि कृष्णानन्द सरस्वती (कैलिफोर्निया, अमेरिका) ने कहा कि समाज में बढ रहे तनाव के माहोल को समाप्त करने में चित्रकला प्रदर्शनियों का आयोजन होना चाहिए तथा इस प्रकार के समाज सुधारक लेखकों की पुस्तकें लिखी जाये जो समाज की छवि प्रस्तुत करती हों। उन्होंने संग्रहालय को आर्थिक सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि “यह संग्रहालय ब्रज की आत्मा का परिचायक है, इसे सशक्त बनाना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमैन गजेन्द्र शर्मा ने सेवा भाव को जीवन का मूल मंत्र बताते हुए कहा, यदि हमें अपनी संस्कृति सभ्यता को जीवित रखना है तो बेटियों को पढ़ाना उन्हें सुसंस्कारित बनाना होगा, क्यों कि उन्ही के कारण हमारा समाज और संस्कृति, सभ्यता जीवित रह सकती है। उन्होंने कहा कि “जब हम निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, तो उसका फल अवश्य मिलता है।” उन्होंने अपने जीवन से प्रेरक उदाहरण भी साझा किए। मुख्य अतिथि नीरव निमेश अग्रवाल (पूर्व मंडल अध्यक्ष, रोटरी क्लब) व टेकमैन सिटी के स्वामी ने कहा कि ब्रज में कला विश्वविद्यालय खोला जाना चाहिए जहां सभी प्रकार की ललित कलाओं को सीखने का सुअवसर युवाओं को मिल सकेगा।
देश की प्रसिद्ध चित्रकार चित्रलेखा द्वारा लगायी गयी चित्रकला प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि “ब्रज में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ललित कला विश्वविद्यालय स्थापित किया जाये, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच मिल सकेगा।” पुस्तक ‘अभिव्यक्ति की रंजना’ की लेखिका डॉ. सुभदा पांडे ने अपने साहित्यिक जीवन की यात्रा और लेखन के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, चित्रकला की प्रसिद्ध कलाकार उमा शर्मा, पूर्व डीआईओएस एस. पी. गोस्वामी एवं संत बिहारी शरण दास, सुरेन्द्र कौषिक, पत्रकार सुनील शर्मा, डॉ॰ राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल, प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कुंजलता मिश्रा, श्रीमती श्रित शर्मा, मोदी विकास मिशन की महिला प्रदेश अध्यक्ष मधु तोमर, महेन्द्र कुशवंशी, प्रांशु शर्मा, विक्रम दिवाकर, अमित शर्मा, रूपेन्द्र सिंह, रामवीर सिंह, डी. एन. गोस्वामी, सहित अनेक गणमान्य विद्वान, साहित्यकार एवं कलाकार उपस्थित थे। रंगोली कलाकार कमलेश्वर ने रंगोली के माध्यम से चित्रलेखा जी का चित्र भी उकेरा। कार्यक्रम का संचालन गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने किया।

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