नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। राजधानी में दशहरे की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार विजय दशमी पर्व पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं लालकिला मैदान स्थित माधवदास पार्क में श्री धार्मिक लीला कमेटी के पंडाल में आयोजित रामलीला देखने पहुंचेंगी। कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, सचिव प्रदीप शरण और प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि समिति ने राष्ट्रपति को औपचारिक न्यौता दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। विजय दशमी के दिन राष्ट्रपति राम-रावण युद्ध का लाइव मंचन देखेंगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और व्यवस्थाओं की विशेष तैयारियां की जा रही हैं। मैदान में मंच, दर्शक दीर्घा और वीआईपी गैलरी को सजाया जा रहा है। राष्ट्रपति के अलावा देश के कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और दिल्ली के अन्य बड़े नेता भी इस अवसर पर शामिल होंगे।
धीरजधर गुप्ता ने बताया कि इस बार राम-रावण युद्ध का मंचन भव्य और आधुनिक तकनीक के साथ होगा ताकि दर्शकों को पौराणिक कथा का जीवंत अनुभव मिल सके। राजधानी के हजारों श्रद्धालु भी इस अवसर पर जुटने की संभावना है। इस प्रकार दशहरा पर्व पर श्री धार्मिक लीला कमेटी का पंडाल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बनने जा रहा है।
*चित्रकूट में भारत मिलाप की लीला का मंचन हुआ*
श्री धार्मिक लीला कमेटी ने लाल किला मैदान स्थित माधव दास पार्क में रामलीला में चित्रकूट में भरत मिलाप का मंचन कराया। कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, सचिव प्रदीप शरण और प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि भरत, शत्रुघ्न, माताओं और अयोध्या वासियों के साथ चित्रकूट पहुंचते हैं। भरत राम से अयोध्या लौटने का आग्रह करते हैं, लेकिन राम अपने वचन का पालन करते हुए मना कर देते हैं। अंततः भरत, राम की चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या लौटते हैं और पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर राजकाज संभालते हैं।
इसके बाद राम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी की ओर प्रस्थान करते हैं। वहां सूर्पणखा राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है, जिसे राम विनम्रता से अस्वीकार कर लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। लक्ष्मण सूर्पणखा के दुष्ट व्यवहार से परेशान होकर उसकी नाक काट देते हैं। अपमानित सूर्पणखा अपने भाइयों खर और दूषण से सहायता मांगती है, जो राम पर आक्रमण करते हैं। राम युद्ध में खर-दूषण और उनके राक्षसों का वध करते हैं।
सूर्पणखा अपनी अपमान की कथा लेकर रावण के पास जाती है, जो सीता का हरण करने की योजना बनाता है। मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण कर पंचवटी में आता है। सीता उसे देखकर मुग्ध हो जाती हैं और राम से उसे लाने का आग्रह करती हैं। राम, लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा में छोड़कर मृग का पीछा करते हैं। मारीच राम की आवाज में “हे लक्ष्मण!” पुकारता है। लक्ष्मण कुटिया के बाहर लक्ष्मण रेखा खींचकर राम की सहायता के लिए जाते हैं, तभी रावण साधु का वेश धरकर सीता का हरण कर लेता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।