Tuesday, October 28, 2025

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सरकार को किसानों का समर्थन करने की जरूरत: गडकरी

ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं।

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। सरकार को उन किसानों का समर्थन करने की जरूरत है जिन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता क्योंकि फसलों की कीमतें वैश्विक कारकों से निर्धारित होती हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह बात कही। ‘भारत जैव-ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी एक्सपो के दूसरे संस्करण’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी की कीमत ब्राजील, तेल की कीमत मलेशिया, मक्का की कीमत अमेरिका और सोयाबीन की कीमत अर्जेंटीना की ओर से निर्धारित होती है। मंत्री ने कहा, हम ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं। गडकरी ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी कृषि गतिविधियों में लगी हुई है।
लेकिन देश के सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 14 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, इसलिए, इस परिदृश्य में, हमारी ग्रामीण कृषि और जनजातीय अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए, हमें कृषि को समर्थन देने की आवश्यकता है, जो उपभोक्ता, देश और आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री ने बताया कि जब सरकार ने मक्के से बायो-एथेनॉल के उत्पादन की अनुमति दी तो मक्के की कीमत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। उन्होंने कहा, इसलिए किसानों को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। गडकरी के अनुसार, किसानों ने मक्के से इथेनॉल का उत्पादन करके 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।
उन्होंने कहा, इसलिए, ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि का विविधीकरण हमारे देश की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन का भारत में भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा, वर्तमान में हम ऊर्जा के आयातक हैं,वह दिन आएगा जब हम ऊर्जा के निर्यातक होंगे और यह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
भारत में वायु प्रदूषण के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन ईंधन के कारण होता है और यह देश, विशेषकर दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा, हम अपने देश में प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं।” मंत्री ने कहा कि भारत हर साल 22 लाख रुपये मूल्य का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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सरकार को किसानों का समर्थन करने की जरूरत: गडकरी

ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं।

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। सरकार को उन किसानों का समर्थन करने की जरूरत है जिन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता क्योंकि फसलों की कीमतें वैश्विक कारकों से निर्धारित होती हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह बात कही। ‘भारत जैव-ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी एक्सपो के दूसरे संस्करण’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी की कीमत ब्राजील, तेल की कीमत मलेशिया, मक्का की कीमत अमेरिका और सोयाबीन की कीमत अर्जेंटीना की ओर से निर्धारित होती है। मंत्री ने कहा, हम ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं। गडकरी ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी कृषि गतिविधियों में लगी हुई है।
लेकिन देश के सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 14 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, इसलिए, इस परिदृश्य में, हमारी ग्रामीण कृषि और जनजातीय अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए, हमें कृषि को समर्थन देने की आवश्यकता है, जो उपभोक्ता, देश और आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री ने बताया कि जब सरकार ने मक्के से बायो-एथेनॉल के उत्पादन की अनुमति दी तो मक्के की कीमत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। उन्होंने कहा, इसलिए किसानों को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। गडकरी के अनुसार, किसानों ने मक्के से इथेनॉल का उत्पादन करके 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।
उन्होंने कहा, इसलिए, ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि का विविधीकरण हमारे देश की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन का भारत में भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा, वर्तमान में हम ऊर्जा के आयातक हैं,वह दिन आएगा जब हम ऊर्जा के निर्यातक होंगे और यह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
भारत में वायु प्रदूषण के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन ईंधन के कारण होता है और यह देश, विशेषकर दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा, हम अपने देश में प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं।” मंत्री ने कहा कि भारत हर साल 22 लाख रुपये मूल्य का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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