Wednesday, October 8, 2025

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मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को 2023 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

दिग्गज स्टार को भारतीय सिनेमा में उनके आइकॉनिक योगदान के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है, मंत्रालय ने आगे कहा कि उनका टैलेंट और लगातार मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई है।

नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। मलयालम फिल्मों के सबसे बड़े सितारों में गिने जाने वाले मोहनलाल को उनके लंबे और सफल करियर के लिए भारत सरकार ने दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 2023 से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है, जिसे उन दिग्गजों को दिया जाता है जिन्होंने अपने काम से इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयां तय की हों। चार दशक से ज्यादा समय से फिल्मों में एक्टिव मोहनलाल ने ऑडियंस को यादगार किरदार दिए हैं और अपनी अलग पहचान बनाई है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति की सिफारिश पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज भारतीय सिनेमा में मोहनलाल के असाधारण योगदान के सम्मान में पुरस्कार की घोषणा की। मोहनलाल की उल्लेखनीय सिनेमा यात्रा पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। उनकी बेजोड़ एवं बहुमुखी प्रतिभा और निरंतर कड़ी मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में स्वर्णिम मानक स्थापित किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “मोहनलाल की अद्भुत सिनेमाई यात्रा पीढ़ियों को प्रेरणा देती है। दिग्गज स्टार को भारतीय सिनेमा में उनके आइकॉनिक योगदान के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।” मंत्रालय ने आगे कहा कि उनका टैलेंट और लगातार मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई है।
मोहनलाल न सिर्फ मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार हैं, बल्कि उन्होंने देशभर के ऑडियंस पर अपनी छाप छोड़ी है। उनकी फिल्मी जर्नी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। उनके काम को सालों से पसंद किया गया है। अब उन्हें सिनेमा जगत का सबसे बड़ा सम्मान दिया जा रहा है।
*प्रधानमंत्री ने दीं शुभकामनाएं*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहनलाल को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी है। मोदी ने कहा कि मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। मोदी ने कहा, “दशकों के समृद्ध कार्यों के साथ, वे मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं और केरल की संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी उल्लेखनीय अभिनय किया है। विभिन्न माध्यमों में उनकी सिनेमाई और नाट्य प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है।
एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। दशकों के समृद्ध कार्य के साथ, वे मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं और केरल की संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी उल्लेखनीय अभिनय किया है। विभिन्न माध्यमों में उनकी सिनेमाई और नाट्य प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई। उनकी उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहें।
*पूर्ण अभिनेता के रुप में जाने जाते हैं मोहनलाल*
मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960, केरल) एक प्रशंसित भारतीय अभिनेता, निर्माता और पार्श्व गायक हैं, जिन्हें मलयालम सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है। वह व्यापक रूप से एक “पूर्ण अभिनेता” के रूप में जाने जाते हैं। लगभग पांच दशकों के अपने करियर में वह 360 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिए हैं, जिन्होंने किरीडम, भारतम, वानप्रस्थम, दृश्यम और ऐसी अन्य कई फिल्में हैं जिनमें उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। मोहनलाल ने भारत और विदेश में कई अन्य सम्मानों के साथ पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और केरल में कई राज्य फिल्म पुरस्कार जीते हैं।
1999 में उनकी फिल्म वानप्रस्थम कान्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित हुई, जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।
सिनेमा के अलावा, उन्हें 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में नियुक्त किया गया था। भारत सरकार द्वारा उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है। आज, मोहनलाल भारत के सबसे सम्मानित सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक हैं, जिन्हें उनकी बहुमुखी प्रतिभा, विनम्रता और विश्व सिनेमा में उनके स्थायी योगदान के लिए सराहा जाता है।
*दादा साहब फाल्के पुरस्कार के विषय में*
भारतीय सिनेमा में दादासाहेब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए भारत सरकार ने 1969 में देविका रानी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया था, जिन्होंने 1913 में भारत की पहली फुल-लेंथ फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था। सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित पुरस्कार विजेताओं को ‘भारतीय सिनेमा के विकास और प्रगति में उनके उत्कृष्ट योगदान’ के लिए सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को 2023 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

दिग्गज स्टार को भारतीय सिनेमा में उनके आइकॉनिक योगदान के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है, मंत्रालय ने आगे कहा कि उनका टैलेंट और लगातार मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई है।

नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। मलयालम फिल्मों के सबसे बड़े सितारों में गिने जाने वाले मोहनलाल को उनके लंबे और सफल करियर के लिए भारत सरकार ने दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 2023 से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है, जिसे उन दिग्गजों को दिया जाता है जिन्होंने अपने काम से इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयां तय की हों। चार दशक से ज्यादा समय से फिल्मों में एक्टिव मोहनलाल ने ऑडियंस को यादगार किरदार दिए हैं और अपनी अलग पहचान बनाई है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति की सिफारिश पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज भारतीय सिनेमा में मोहनलाल के असाधारण योगदान के सम्मान में पुरस्कार की घोषणा की। मोहनलाल की उल्लेखनीय सिनेमा यात्रा पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। उनकी बेजोड़ एवं बहुमुखी प्रतिभा और निरंतर कड़ी मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में स्वर्णिम मानक स्थापित किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “मोहनलाल की अद्भुत सिनेमाई यात्रा पीढ़ियों को प्रेरणा देती है। दिग्गज स्टार को भारतीय सिनेमा में उनके आइकॉनिक योगदान के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।” मंत्रालय ने आगे कहा कि उनका टैलेंट और लगातार मेहनत ने भारतीय फिल्म इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई है।
मोहनलाल न सिर्फ मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार हैं, बल्कि उन्होंने देशभर के ऑडियंस पर अपनी छाप छोड़ी है। उनकी फिल्मी जर्नी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। उनके काम को सालों से पसंद किया गया है। अब उन्हें सिनेमा जगत का सबसे बड़ा सम्मान दिया जा रहा है।
*प्रधानमंत्री ने दीं शुभकामनाएं*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहनलाल को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी है। मोदी ने कहा कि मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। मोदी ने कहा, “दशकों के समृद्ध कार्यों के साथ, वे मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं और केरल की संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी उल्लेखनीय अभिनय किया है। विभिन्न माध्यमों में उनकी सिनेमाई और नाट्य प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है।
एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। दशकों के समृद्ध कार्य के साथ, वे मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं और केरल की संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी उल्लेखनीय अभिनय किया है। विभिन्न माध्यमों में उनकी सिनेमाई और नाट्य प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई। उनकी उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहें।
*पूर्ण अभिनेता के रुप में जाने जाते हैं मोहनलाल*
मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960, केरल) एक प्रशंसित भारतीय अभिनेता, निर्माता और पार्श्व गायक हैं, जिन्हें मलयालम सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है। वह व्यापक रूप से एक “पूर्ण अभिनेता” के रूप में जाने जाते हैं। लगभग पांच दशकों के अपने करियर में वह 360 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिए हैं, जिन्होंने किरीडम, भारतम, वानप्रस्थम, दृश्यम और ऐसी अन्य कई फिल्में हैं जिनमें उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। मोहनलाल ने भारत और विदेश में कई अन्य सम्मानों के साथ पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और केरल में कई राज्य फिल्म पुरस्कार जीते हैं।
1999 में उनकी फिल्म वानप्रस्थम कान्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित हुई, जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।
सिनेमा के अलावा, उन्हें 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में नियुक्त किया गया था। भारत सरकार द्वारा उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है। आज, मोहनलाल भारत के सबसे सम्मानित सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक हैं, जिन्हें उनकी बहुमुखी प्रतिभा, विनम्रता और विश्व सिनेमा में उनके स्थायी योगदान के लिए सराहा जाता है।
*दादा साहब फाल्के पुरस्कार के विषय में*
भारतीय सिनेमा में दादासाहेब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए भारत सरकार ने 1969 में देविका रानी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया था, जिन्होंने 1913 में भारत की पहली फुल-लेंथ फीचर फिल्म, राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था। सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित पुरस्कार विजेताओं को ‘भारतीय सिनेमा के विकास और प्रगति में उनके उत्कृष्ट योगदान’ के लिए सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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