नई दिल्ली, 19 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। आईएडीआर एशिया पैसिफिक रीजनल कॉन्फ्रेंस और आईएसडीआर के 35वें वार्षिक सम्मेलन में डॉ. वी. नारायणन, चेयरमैन स्पेस कमीशन एवं सचिव, अंतरिक्ष विभाग (इसरो), ने भारत की वैश्विक उपलब्धियों और विज्ञान के कनेक्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने खुद को वैश्विक मानचित्र पर मज़बूती से स्थापित किया है। चंद्रयान मिशन ने हमें सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बना दिया। इंजीनियरिंग और मेडिसिन को अलग नहीं किया जा सकता। नैनोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स स्वास्थ्य क्षेत्र को उतना ही बदल रहे हैं जितना स्पेस एक्सप्लोरेशन को।
मेडिकल किताबें पढ़ना मेरा शौक है और मुझे विश्वास है कि इसरो और मेडिकल संस्थानों के सहयोग से नवाचार को और गति मिलेगी। आज भारत की साक्षरता दर 79% हो चुकी है और मेडिकल प्रगति के कारण भारतीयों की औसत स्वस्थ आयु बढ़ी है। हमने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रो. अभिजीत चंद्रकांत शेट, अध्यक्ष, नेशनल मेडिकल कमीशन, ने मेडिकल शिक्षा की बुनियाद को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया:
“मेडिकल ट्रेनिंग में दो अहम क्षेत्र अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाते हैं—क्लीनिकल रिसर्च और कम्युनिकेशन। इन्हें पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए। अगर शुरुआत से ही इन्हें शामिल किया जाए तो शोध, नवाचार और खोज की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
उद्घाटन सत्र के दौरान डेलीगेट बुक का विमोचन और सम्मेलन की स्मृति में विशेष कवर का अवलोकन दिल्ली सर्कल के मुख्य डाक महाप्रबंधक द्वारा किया गया। इसके अलावा, प्रतिष्ठित आईएसडीआर रिसर्च अवॉर्ड्स और फैलोशिप्स भी प्रदान किए गए, जिनसे डेंटल रिसर्च में उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित किया गया और युवा वैज्ञानिकों को नए शोध पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।