Wednesday, October 8, 2025

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यश पटनायक का धाकड़ बीरा पर कहना: यह हिम्मत, जज़्बे और जज़्बाती रिश्तों की कहानी है

धाकड़ बीरा सिर्फ़ एक लड़के की कहानी नहीं, बल्कि हिम्मत और जज़्बे का प्रतीक है, यह उन लोगों की दास्तान है जो मुश्किलों से लड़कर डटे रहते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं।”

मुंबई, 13 सितंबर 2025 (यूटीएन)। टीवी के लोकप्रिय निर्माता यश पटनायक, जिन्होंने भारतीय टेलीविजन को कई यादगार शो दिए हैं, अब लेकर आए हैं धाकड़ बीरा। यह शो तेज़ रफ्तार एक्शन, गहरी भावनाओं और सच्चाई से भरपूर है। दर्शक इसे बेहद पसंद कर रहे हैं। कहानी भारत की जड़ों से जुड़ी है और इसमें असली देसीपन साफ झलकता है।

शो की प्रेरणा पर यश कहते हैं, “प्रेरणा हमें भारत के दिल से मिली, जहां ताक़त, इज़्ज़त और पारिवारिक मूल्य लोगों की ज़िंदगी की पहचान हैं। धाकड़ बीरा सिर्फ़ एक लड़के की कहानी नहीं, बल्कि हिम्मत और जज़्बे का प्रतीक है। यह उन लोगों की दास्तान है जो मुश्किलों से लड़कर डटे रहते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं।”

शीर्षक के बारे में वे बताते हैं, “‘धाकड़’ शब्द सुनते ही ताक़त, निडरता और जज़्बे का एहसास होता है। ‘बीरा’ इसे देसी पहचान देता है। दोनों मिलकर कहानी के असली रंग और ऊर्जा को बयां करते हैं। हम चाहते थे कि नाम ही अपने आप में एक पर्सनालिटी लगे, जो बड़ी हो लेकिन ज़मीन से जुड़ी रहे।”

हालांकि, असलीपन लाना आसान नहीं था। यश बताते हैं, “हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती हरियाणा की संस्कृति और बोली को बिना स्टीरियोटाइप बनाए पेश करना था। डायलॉग, रीति-रिवाज, सेट डिज़ाइन और कास्टिंग – सब पर गहराई से काम किया गया। साथ ही एक्शन और इमोशन का संतुलन बनाए रखना भी चुनौती थी, ताकि दर्शकों का दिल जुड़ा रहे।”

वे आगे कहते हैं, “हम हर ड्रामेटिक पल को असली भावनाओं से जोड़ते हैं। एक्शन तभी असरदार बनता है जब दर्शक बीरा की तकलीफ और रिश्तों को महसूस कर पाते हैं। हमारी राइटिंग टीम हर बार सोचती है – ‘क्या दर्शक इसे महसूस करेंगे?’ यही सोच हमें शो को सच्चा और जुड़ाव वाला बनाने में मदद करती है।”

शो को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी यश के लिए ख़ास हैं। “कई दर्शकों ने कहा कि उन्हें बीरा में अपना बेटा, भाई या दोस्त नज़र आता है। जब एक काल्पनिक किरदार लोगों के दिल का हिस्सा बन जाए, तो समझिए शो ने सही असर डाला है,” वे बताते हैं।

पिछले शो से धाकड़ बीरा की तुलना करते हुए यश कहते हैं, “ज़्यादातर शो शहरी या अर्ध-शहरी पारिवारिक कहानियों पर आधारित रहे हैं। लेकिन धाकड़ बीरा अपनी जड़ों से जुड़ी रॉनेस और दमदार हीरो की वजह से अलग है। यह ज़्यादा रग्ड है, एक्शन प्रधान है, लेकिन साथ ही इमोशनल तौर पर भी सबको जोड़ता है।”

युवा दर्शकों के लिए भी शो नया अनुभव है। “आज की ऑडियंस, ख़ासकर युवा, तेज़ रफ्तार और असरदार कहानियां चाहते हैं। हमने इसे सिनेमाई ट्रीटमेंट, स्ट्रॉन्ग हुक और गहरे इमोशन्स के साथ गढ़ा है। लेकिन इसकी जड़ें परंपरा और मूल्यों से भी जुड़ी हैं। यही मेल इसे हर पीढ़ी के लिए आकर्षक बनाता है।”

आगे की कहानी पर यश कहते हैं, “बिना राज़ खोले मैं इतना कह सकता हूं कि बीरा की यात्रा और भी रोमांचक होगी। नए रिश्ते, भावनात्मक उतार-चढ़ाव और एक्शन से भरपूर ट्विस्ट दर्शकों को बांधे रखेंगे। हर हफ़्ते शो और भी बड़ा और असरदार महसूस होगा।

मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।

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यश पटनायक का धाकड़ बीरा पर कहना: यह हिम्मत, जज़्बे और जज़्बाती रिश्तों की कहानी है

धाकड़ बीरा सिर्फ़ एक लड़के की कहानी नहीं, बल्कि हिम्मत और जज़्बे का प्रतीक है, यह उन लोगों की दास्तान है जो मुश्किलों से लड़कर डटे रहते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं।”

मुंबई, 13 सितंबर 2025 (यूटीएन)। टीवी के लोकप्रिय निर्माता यश पटनायक, जिन्होंने भारतीय टेलीविजन को कई यादगार शो दिए हैं, अब लेकर आए हैं धाकड़ बीरा। यह शो तेज़ रफ्तार एक्शन, गहरी भावनाओं और सच्चाई से भरपूर है। दर्शक इसे बेहद पसंद कर रहे हैं। कहानी भारत की जड़ों से जुड़ी है और इसमें असली देसीपन साफ झलकता है।

शो की प्रेरणा पर यश कहते हैं, “प्रेरणा हमें भारत के दिल से मिली, जहां ताक़त, इज़्ज़त और पारिवारिक मूल्य लोगों की ज़िंदगी की पहचान हैं। धाकड़ बीरा सिर्फ़ एक लड़के की कहानी नहीं, बल्कि हिम्मत और जज़्बे का प्रतीक है। यह उन लोगों की दास्तान है जो मुश्किलों से लड़कर डटे रहते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं।”

शीर्षक के बारे में वे बताते हैं, “‘धाकड़’ शब्द सुनते ही ताक़त, निडरता और जज़्बे का एहसास होता है। ‘बीरा’ इसे देसी पहचान देता है। दोनों मिलकर कहानी के असली रंग और ऊर्जा को बयां करते हैं। हम चाहते थे कि नाम ही अपने आप में एक पर्सनालिटी लगे, जो बड़ी हो लेकिन ज़मीन से जुड़ी रहे।”

हालांकि, असलीपन लाना आसान नहीं था। यश बताते हैं, “हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती हरियाणा की संस्कृति और बोली को बिना स्टीरियोटाइप बनाए पेश करना था। डायलॉग, रीति-रिवाज, सेट डिज़ाइन और कास्टिंग – सब पर गहराई से काम किया गया। साथ ही एक्शन और इमोशन का संतुलन बनाए रखना भी चुनौती थी, ताकि दर्शकों का दिल जुड़ा रहे।”

वे आगे कहते हैं, “हम हर ड्रामेटिक पल को असली भावनाओं से जोड़ते हैं। एक्शन तभी असरदार बनता है जब दर्शक बीरा की तकलीफ और रिश्तों को महसूस कर पाते हैं। हमारी राइटिंग टीम हर बार सोचती है – ‘क्या दर्शक इसे महसूस करेंगे?’ यही सोच हमें शो को सच्चा और जुड़ाव वाला बनाने में मदद करती है।”

शो को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी यश के लिए ख़ास हैं। “कई दर्शकों ने कहा कि उन्हें बीरा में अपना बेटा, भाई या दोस्त नज़र आता है। जब एक काल्पनिक किरदार लोगों के दिल का हिस्सा बन जाए, तो समझिए शो ने सही असर डाला है,” वे बताते हैं।

पिछले शो से धाकड़ बीरा की तुलना करते हुए यश कहते हैं, “ज़्यादातर शो शहरी या अर्ध-शहरी पारिवारिक कहानियों पर आधारित रहे हैं। लेकिन धाकड़ बीरा अपनी जड़ों से जुड़ी रॉनेस और दमदार हीरो की वजह से अलग है। यह ज़्यादा रग्ड है, एक्शन प्रधान है, लेकिन साथ ही इमोशनल तौर पर भी सबको जोड़ता है।”

युवा दर्शकों के लिए भी शो नया अनुभव है। “आज की ऑडियंस, ख़ासकर युवा, तेज़ रफ्तार और असरदार कहानियां चाहते हैं। हमने इसे सिनेमाई ट्रीटमेंट, स्ट्रॉन्ग हुक और गहरे इमोशन्स के साथ गढ़ा है। लेकिन इसकी जड़ें परंपरा और मूल्यों से भी जुड़ी हैं। यही मेल इसे हर पीढ़ी के लिए आकर्षक बनाता है।”

आगे की कहानी पर यश कहते हैं, “बिना राज़ खोले मैं इतना कह सकता हूं कि बीरा की यात्रा और भी रोमांचक होगी। नए रिश्ते, भावनात्मक उतार-चढ़ाव और एक्शन से भरपूर ट्विस्ट दर्शकों को बांधे रखेंगे। हर हफ़्ते शो और भी बड़ा और असरदार महसूस होगा।

मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।

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