Wednesday, October 8, 2025

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आखिर सफल हुई अर्जून कुमार की मेहनत इस बार रामलीलाओं को मिलेगी निशुल्क बिजली

अतिरिक्त इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समितियों को आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए सुरक्षा जमा राशि 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है।

नई दिल्ली, 07 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। पिछले अनेक वर्षों से रामलीला आयोजकों को मंचन के लिए कई तरह की समस्याओं का  सामना करना पड़ रहा था। उन्हें जमीन मिलने में देरी होती थी। कई प्रकार के एनओसी के चलते रामलीला मंचन में दिक्कतें आ रही थीं। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए दिल्ली रामलीला महासंघ और लवकुश रामलीला के अध्यक्ष अर्जुन कुमार पिछले बीस वर्षों से मेहनत कर रहे थे। इसके लिए वे अपने साथियों के साथ केंद्रीय व प्रदेश के अनेक मंत्रियों, नेताओं व अधिकारियों से लगातार मिलकर उन्हें रामलीलाओं के दौरान आने वाली समस्याओं अवगत करवा कर उनके स्थाई समाधान निकालने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे थे। आखिर उनकी यह मेहनत और संघर्ष रंग लाया और इस बार 1200 यूनिट निशुल्क बिजली के साथ साथ अन्य समस्याओं के समाधान का रास्ता भी मिला।
अर्जुन कुमार बताते हैं किहमारी मांग थी. 
डीडीए और एमसीडी को रामलीला आयोजनों के लिए मैदान बिना शुल्क के दिए जाएं क्योंकि यह एक पावन धार्मिक उत्सव है। हज व कांवड़ यात्रा की तरह रामलीला के लिए बिजली निःशुल्क या घरेलू दरों पर उपलब्ध कराई जाए, न कि वाणिज्यिक दरों पर। इसके अलावा मैदानों की नियमित सफाई, कीटनाशक छिड़काव, और आयोजन से पूर्व मैदान का ठीक ढंग से समतलीकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि कुछ झूला ऑपरेटर अफसरों की मिलीभगत से मैदान पहले ही बुक कर लेते हैं और बाद में रामलीला आयोजकों से मनमाना पैसा वसूलते हैं। इस पर सख्त रोक लगाई जाए साथ ही दिल्ली जल बोर्ड को आमजन हेतु निःशुल्क पेयजल की सुविधा देनी चाहिए।
अर्जुन कुमार के अनुसार विभिन्न विभागों से आवश्यक एनओसी के लिए एक “सिंगल विंडो सिस्टम” स्थापित किया जाए जिससे समितियों को भागदौड़ न करनी पड़े।रामलीला स्थलों पर यातायात सुचारु रखने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान बनाया जाए। अध्यक्ष ने बताया कि इस बार भी हम लोग चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल के साथ अपनी समस्याओं को लेकर अनेक बार दिल्ली के उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिले। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रामलीला आयोजकों की समस्याओं को समझा और उनका उचित समाधान करने का आश्वासन भी दिया। रामलीला महासंघ अध्यक्ष ने बताया कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने रामलीला आयोजकों को राहत देते हुए रामलीला व दुर्गा पूजा समिति आयोजकों को राहत देते हुए कहा कि  जिस तरह हमने कांवड़ यात्रा समितियों की मदद की थी, उसी तरह दिल्ली सरकार सभी रामलीला और दुर्गा पूजा समितियों को उपहार स्वरूप 1,200 यूनिट मुफ्त बिजली देगी।
और इसके लिए केवल 25 प्रतिशत सुरक्षा राशि जमा करने पर मीटर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अब आयोजन समितियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि सरकार दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली अग्निशमन सेवा आदि जैसे विभिन्न विभागों से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू करेगी। इससे आयोजकों को विभिन्न कार्यालयों में जाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इस सुधार से यह सुनिश्चित होगा कि सभी औपचारिकताएं अब जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से जिला स्तर पर ही पूरी कर ली जाएंगी। इसके अतिरिक्त इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समितियों को आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए सुरक्षा जमा राशि 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है।
अर्जुन कुमार ने बताया कि सरकार ने त्योहारों से जुड़ी किसी भी समस्या के त्वरित समाधान के लिए छह सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। उन्होंने बताया कि त्योहार स्थलों पर व्यापक व्यवस्थाओं में सफ़ाई, फ़ॉगिंग, स्वच्छता, चिकित्सा, अग्नि सुरक्षा, पुलिस तैनाती और यातायात प्रबंधन सुविधाएँ शामिल होंगी। लवकुश रामलीला के अध्यक्ष ने बताया कि रामलीला आयोजकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती थी पुलिस का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने में इस बार पुलिस अनापत्ति प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर हमें बहुत बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि इस बार हमें आंशिक सफलता मिली है लेकिन हो आने वाले भविष्य में हमें पूरी तरह से सफलता मिल जाए और रामलीला आयोजकों को पूरी तरह से बिजली, पानी और मैदान निशुल्क मिलने लगे। अर्जुन कुमार ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा एकल खिड़की व अन्य सुविधाएं दिए जाने से रामलीला आयोजक अपना पूरा ध्यान रामलीलाओं की तैयारियों व बेहतर व्यवस्थाओं पर लगा सकेंगे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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आखिर सफल हुई अर्जून कुमार की मेहनत इस बार रामलीलाओं को मिलेगी निशुल्क बिजली

अतिरिक्त इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समितियों को आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए सुरक्षा जमा राशि 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है।

नई दिल्ली, 07 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। पिछले अनेक वर्षों से रामलीला आयोजकों को मंचन के लिए कई तरह की समस्याओं का  सामना करना पड़ रहा था। उन्हें जमीन मिलने में देरी होती थी। कई प्रकार के एनओसी के चलते रामलीला मंचन में दिक्कतें आ रही थीं। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए दिल्ली रामलीला महासंघ और लवकुश रामलीला के अध्यक्ष अर्जुन कुमार पिछले बीस वर्षों से मेहनत कर रहे थे। इसके लिए वे अपने साथियों के साथ केंद्रीय व प्रदेश के अनेक मंत्रियों, नेताओं व अधिकारियों से लगातार मिलकर उन्हें रामलीलाओं के दौरान आने वाली समस्याओं अवगत करवा कर उनके स्थाई समाधान निकालने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे थे। आखिर उनकी यह मेहनत और संघर्ष रंग लाया और इस बार 1200 यूनिट निशुल्क बिजली के साथ साथ अन्य समस्याओं के समाधान का रास्ता भी मिला।
अर्जुन कुमार बताते हैं किहमारी मांग थी. 
डीडीए और एमसीडी को रामलीला आयोजनों के लिए मैदान बिना शुल्क के दिए जाएं क्योंकि यह एक पावन धार्मिक उत्सव है। हज व कांवड़ यात्रा की तरह रामलीला के लिए बिजली निःशुल्क या घरेलू दरों पर उपलब्ध कराई जाए, न कि वाणिज्यिक दरों पर। इसके अलावा मैदानों की नियमित सफाई, कीटनाशक छिड़काव, और आयोजन से पूर्व मैदान का ठीक ढंग से समतलीकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि कुछ झूला ऑपरेटर अफसरों की मिलीभगत से मैदान पहले ही बुक कर लेते हैं और बाद में रामलीला आयोजकों से मनमाना पैसा वसूलते हैं। इस पर सख्त रोक लगाई जाए साथ ही दिल्ली जल बोर्ड को आमजन हेतु निःशुल्क पेयजल की सुविधा देनी चाहिए।
अर्जुन कुमार के अनुसार विभिन्न विभागों से आवश्यक एनओसी के लिए एक “सिंगल विंडो सिस्टम” स्थापित किया जाए जिससे समितियों को भागदौड़ न करनी पड़े।रामलीला स्थलों पर यातायात सुचारु रखने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान बनाया जाए। अध्यक्ष ने बताया कि इस बार भी हम लोग चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल के साथ अपनी समस्याओं को लेकर अनेक बार दिल्ली के उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिले। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रामलीला आयोजकों की समस्याओं को समझा और उनका उचित समाधान करने का आश्वासन भी दिया। रामलीला महासंघ अध्यक्ष ने बताया कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने रामलीला आयोजकों को राहत देते हुए रामलीला व दुर्गा पूजा समिति आयोजकों को राहत देते हुए कहा कि  जिस तरह हमने कांवड़ यात्रा समितियों की मदद की थी, उसी तरह दिल्ली सरकार सभी रामलीला और दुर्गा पूजा समितियों को उपहार स्वरूप 1,200 यूनिट मुफ्त बिजली देगी।
और इसके लिए केवल 25 प्रतिशत सुरक्षा राशि जमा करने पर मीटर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अब आयोजन समितियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि सरकार दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली अग्निशमन सेवा आदि जैसे विभिन्न विभागों से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू करेगी। इससे आयोजकों को विभिन्न कार्यालयों में जाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इस सुधार से यह सुनिश्चित होगा कि सभी औपचारिकताएं अब जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से जिला स्तर पर ही पूरी कर ली जाएंगी। इसके अतिरिक्त इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समितियों को आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए सुरक्षा जमा राशि 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है।
अर्जुन कुमार ने बताया कि सरकार ने त्योहारों से जुड़ी किसी भी समस्या के त्वरित समाधान के लिए छह सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। उन्होंने बताया कि त्योहार स्थलों पर व्यापक व्यवस्थाओं में सफ़ाई, फ़ॉगिंग, स्वच्छता, चिकित्सा, अग्नि सुरक्षा, पुलिस तैनाती और यातायात प्रबंधन सुविधाएँ शामिल होंगी। लवकुश रामलीला के अध्यक्ष ने बताया कि रामलीला आयोजकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती थी पुलिस का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने में इस बार पुलिस अनापत्ति प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर हमें बहुत बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि इस बार हमें आंशिक सफलता मिली है लेकिन हो आने वाले भविष्य में हमें पूरी तरह से सफलता मिल जाए और रामलीला आयोजकों को पूरी तरह से बिजली, पानी और मैदान निशुल्क मिलने लगे। अर्जुन कुमार ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा एकल खिड़की व अन्य सुविधाएं दिए जाने से रामलीला आयोजक अपना पूरा ध्यान रामलीलाओं की तैयारियों व बेहतर व्यवस्थाओं पर लगा सकेंगे।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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