नई दिल्ली, 04 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्स ने ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए 350 मास्टर प्रशिक्षकों को तैयार किया है। यह प्रशिक्षक अस्पतालों में ऑक्सीजन प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही अस्पताल कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षक तैयार किए गए हैं। इस संबंध में बुधवार को एम्स निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उपमहानिदेशक डॉ. प्रदीप खासनोबिस, एम्स चिकित्सा अधीक्षक निरुपम मदान और अस्तपताल प्रशासन में अतिरिक्त प्रो. डॉ. विजयदीप सिद्धार्थ ने प्रशिक्षण दस्तावेज भी जारी किया।
एम्स निदेशक प्रो. एम श्रीनिवास ने चिकित्सा ऑक्सीजन को दवा के रूप में उपयोग करने और स्वास्थ्य सेवा सुविधा स्तर पर ऑक्सीजन प्रबंधन को लागू करने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही कोविड-19 से जुड़े अनुभवों को भी साझा किया।
इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले एम्स अस्पताल प्रशासन में अतिरिक्त प्रो. विजयदीप सिद्धार्थ ने कहा कि ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों के 150 मेडिकल कॉलेज से 350 मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं। यह ट्रेनर दूसरे कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। जिससे अस्पतालों में ऑक्सीजन सिस्टम को मजबूत किया जा सके ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहे।
खासतौर पर कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन प्रबंधन को लेकर जो मुश्किल सामने आई थी उसी को ध्यान में रखते हुए 350 मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया गया है। आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उप महानिदेशक डॉ. प्रदीप खासनोबिस ने कहा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर देश में चिकित्सा ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण निवेश किया है। मंत्रालय नियमित रूप से मॉक ड्रिल करता रहता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह बुनियादी ढांचा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्रियाशील बना रहे। एम्स चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निरुपम मदान ने जिला स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में पीएसए संयंत्रों के महत्व पर जोर दिया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।